MAAHI

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सपने प्यार के

हमने भी सजाये थे सपने प्यार के
पर क्या पता था वो सपने तोड़ जाएगा
हमारे दिल के आशियाने से
अपना घोसला बटोर जाएगा

हम तो काजल की जगह 
उनको पलकों में बैठाना चाहते थे
उनके चेहरे का नूर अपने
मांग में सजाना चाहते थे
पर क्या पता था वो दिल 
के अरमान तोड़ जाएगा
हमारे दिल के आशियाने से
अपना घोसला बटोर जाएगा

हमने तो उनसे उनका साथ माँगा था
हल्दी और कुमकुम का सौगात माँगा था
पर क्या पता था वो हमारे 
जज्बात तोड़ जाएगा
हमारे दिल के आशियाने से
अपना घोसला बटोर जाएगा।


माही



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7 Comments

Chirag chirag

09-Dec-2021 05:03 PM

Nice written

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Seema Priyadarshini sahay

09-Dec-2021 04:38 PM

बहुत खूब

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MAAHI

04-Feb-2022 10:03 PM

Thankyou

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Aliya khan

08-Dec-2021 09:45 PM

Bahut sundar

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